भावों के अनुसार बुध का फल

बुध की बात करें तो भावो के अनुसार बुध का फल भी जान लेते है कैसा होता है 
लग्न = लग्न में बुध हो तो व्यक्ति सब शास्त्रो का जानकार विद्वान , मधुर वाणी का वाला और लंबे कद का होता है 
द्वितीय = दूसरे भाव मे बुध हो तो तो अपनी बुद्धि और विद्या से धन कमाने वाला , कवि , कविता करने वाला , और मधुर भोजन और सात्त्विक भोजन सेवन करने वाला होता है।


तृतीय = तीसरे भाव मे बुध हो मनुष्य धैर्य हीन होता है और भाई बहनो के सुख से युक्त होता है धार्मिक भी होता है ।


चतुर्थ = चतुर्थ भाव मे बुध हो तो मनुष्य विद्धवान , मित्र, भूमि , धान्य , आदि के सुख से युक्त होता है 
पंचम = पंचम भाब में बुध हो तो , मनुष्य बहुत तेज़ बुद्धि, विद्या वाला होता है मन्त्र शास्त्र आदि का भी जानकार होता है सन्तान सुख से भी युक्त होता है ।


छठम = 6 भाव बुध हो तो , जातक आलसी, झूठ बोलने वाला , कफ और वात रोगी , शत्रुओ से परेशान आदि असुभ फल होते है।

 
सप्तम = सप्तम भाव मे बुध हो तो मनुष्य, बुद्धिमान , सूंदर, धनी पत्नी या पति वाला , व्यपार व्यवसाय से धन कमाने वाला होता है ।


अष्टम =अष्टम भाव मे बुध हो तो स्वराशि मित्र राशि आदि में हो तो , विख्यात , लम्बी आयु वाला , सूंदर , धनवान होता है असुभ होने पर इसके विपरीत फल होता है ।


नवम = नवम भाव मे बुध होने से जातक विद्धवान , धार्मिक, विष्णु भक्त, वाणी के द्वारा और बुद्धि से मान , समान को पाता है ।


दशम = दशम भाव मे बुध हो तो जातक विद्धवान , सुखी , सत्कर्म करने वाला, माता ,पिता का भक्त , सफलता प्राप्त करने वाला होता है 
एकादश =एकादश भाव मे बुध होने से जातक , सत्य बोलने वाला , नोकर चाकरों वाला होता है अच्छी आय वाला यहां बुध थोड़ी हेल्थ की परेशानी भी देता है ।


द्वादश = द्वादश भाव मे बुध बुरा ही फल करता है , आलसी , क्रूर , विद्याहीन , आदि बुरे फल होते है ।

यह भावो के अनुसार बुध का फल लिखा है पर बुध का फलित करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह जिस ग्रह के साथ हो वैसा ही फल देता है और इसपे पाप प्रभाव हो तो उस भाव के सम्बदी बुरे फल बहुत जल्द ही दे देता है।

जय माता दी

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