चन्द्रमा और हम

 हम ज्योतिष में चन्द्रमा की बात करे और हमारे जीवन पर चन्द्रमा का प्रभाव देखे तो सबसे पहले जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि मे हो वो ही हमारे राशि होती है और यह हमारे मन का कारक है मन से ही जो मजबूत होता है वो हर परिस्थिति में से निकल जाता है सबसे शीघ्र गति का ग्रह भी चंंद्रमा ही है और यह हमारे जो प्रतिदिन राशि फल देखते है वो इसके आधार पर ही देखते है यह हमारे मन का कारक है और जैसा इसके ऊपर हमारे कुंडली मे प्रभाव होता है वैसा ही हमारा मन होता है यह जब शुभ हो तो हमारे मन भी मजबूत होता है और हमारे स्वभाव को सौम्य बनाता है । आज के समय मे जिसका स्वभाव सौम्य है उसको सभी लोग पंसद करते है इनके विपरीत जब यह पाप ग्रहों के बीच मे निर्बल हो तो हमारे मन को भी निर्बल बना देगा तो हम को गुस्सा ज्यादा आएगा, और हम स्वभाव से भी ज़िद्दी हट्टी बन जायेंगे , यह लग्न की तरह ही है बहुत सी कुंडलियों में लग्न से कोई शुभ योग नही बन रहे होते है पर वो चन्द्र लग्न से बन रहे होते है तो बहुत अच्छे फल मिलते हमने देखे है सबसे ज्यादा शीघ्र गति का कोई ग्रह है तो यह ही है यह हमारे शुभ मुहर्त आदि में भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है जब यह राशि से अच्छे स्थान में गोचर करता है तो हमारे कोई शुभ मुहर्त आदि मिलते है जन्म राशि से तो हम यह भी कह सकते है मुहर्त आदि में भी यह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है  हँसमुख स्वभाव आदि जातक का तभी होता है जब चन्द्रमा शुभ होता है और इसका बल भी सूर्य से दूरी पर निर्भर करता करता है यह सूर्य से जितना दूर होता है उतना ही शुभ होता  है जितना पास में होता है उतना ही अशुभ होता जाता है और अशुभ फल देने लगता है चन्द्रमा को भगवान शिव मष्तिक पर धारण करते है तो इसके अशुभ फल से बचने के लिए हम भगवान शिव की ही पूजा करनी चाहिए ।

ग्रह चाल विशेष

राहु और उसके प्रभाव...

राहु का प्रभाव दैत्य के समान हैं। जन्म कुंडली में राहु का अत्यधिक बलवान होना नशे की और व्यक्ति

शुक्र- एक चमकता तारा...

 शुक्र मतलब सुंदरता सूंदर स्त्री ग्रह , सुख का कारक बड़े , बड़े  सुख का कारक है मतलब लग्जरी

जानिए हनुमान चालीसा का सम्पूर्ण अर्थ

क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या

भावों के अनुसार बुध का फल

बुध की बात करें तो भावो के अनुसार बुध का फल भी जान लेते है कैसा होता है 

श्री हनुमत प्रकटोत्सव

हनुमान का जन्म *चैत्र मास* की *शुक्ल पूर्णिमा* के दिन हुआ था। हनुमान के जन्म स्थान के बारे में

चन्द्रमा और हम

 हम ज्योतिष में चन्द्रमा की बात करे और हमारे जीवन पर चन्द्रमा का प्रभाव देखे तो सबसे पहले जन्म