28 जनवरी से शुरू हो रहे उत्तराखंड नेशनल गेम्स के जीएमएस पोर्टल पर अब तक 5700 खिलाड़ियों ने 30 खेलों में रजिस्ट्रेशन कर लिया है। नेशनल गेम्स में गोल्फ खेल बाहर हो गया है तो वहीं तीन अन्य खेलों पर भी कन्फ्यूजन की स्थिति है।
उत्तराखंड में 28 जनवरी से शुरू होने जा रहे हैं 38वे राष्ट्रीय खेलों मैं अब केवल 12 दिन का समय बाकी है तो वही नेशनल गेम्स के गेम मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल को अब स्टेट ओलंपिक एसोसिएशन के लिए बंद कर दिया गया है। ताजा अपडेट के अनुसार 38 वे राष्ट्रीय खेलों के जीएमएस पोर्टल पर अब तक 5700 खिलाड़ियों ने 30 अलग-अलग गेम्स में रजिस्ट्रेशन करवा दिया है। इनमें से उत्तराखंड से तकरीबन 700 खिलाड़ियों ने अपनी जीएमएस पोर्टल पर एंट्री करवा दी है। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश ने की ने बताया कि नेशनल गेम्स के जीएमएस पोर्टल को स्टेट ओलंपिक एसोसिएशन के लिए अब बंद कर दिया गया है तो वही बाकी बचे खेलो में खिलाड़ियों की एंट्री के लिए नेशनल फेडरेशन स्वयं से रजिस्ट्रेशन करेंगे उनके लिए पोर्टल खुले रहेंगे। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन का कहना है कि उत्तराखंड ने 10000 खिलाड़ियों के साथ 2000 टेक्नीशियन और 2000 ऑफिशल्स यानी टोटल 14000 लोगों की उम्मीद के मुताबिक अपनी तैयारी की है और उम्मीद है कि आगामी 18 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
उत्तराखंड खेल विभाग के विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय खेलों में अब तक 30 खेलों को पूरी तरह से हरी झंडी मिल चुकी है जहां पर DOC यानी डायरेक्टर और कंपटीशन ने अपनी फाइनल रिपोर्ट दे दी है। तो वहीं इसके बाद वॉलीबॉल और हैंडबॉल के लिए भी ओलंपिक संगठन ने अपने विशेष प्रावधान के तहत इन दोनों खेलों को भी हरी झंडी दे दी है बाकी बचे अब चार गेम्स में से गोल्फ को नेशनल गेम्स की लिस्ट से बाहर इसलिए कर दिया गया है क्योंकि गोल्फ की केंद्रीय फेडरेशन में विवाद चल रहा है तो वहीं इसके अलावा ताइक्वांडो का मामला भी अभी कोर्ट में है हालांकि इस पर अभी कोई स्पष्ट दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं इसके अलावा दो डेमोंसट्रेशन गेम से कर गेम में शामिल हुए मलखम और योगासन को लेकर के भी लगातार चर्चाएं चल रही है और जैसे ही इसमें कुछ फाइनल होता है उसे बारे में जानकारी दे दी जाएगी।
कुल मिलाकर देखें तो राष्ट्रीय खेलों का आयोजन को लेकर एक तरफ जहां तैयारियां जोरों पर है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ खेलों को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है ऐसे में देखना ही होगा कि जिन खेलों को लेकर सस्पेंस बरकरार है क्या उन खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया जाता है या नहीं।
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