शुक्र- एक चमकता तारा...

 शुक्र मतलब सुंदरता सूंदर स्त्री ग्रह , सुख का कारक बड़े , बड़े  सुख का कारक है मतलब लग्जरी सुख आदि का कारक है शुक्र मतलब चमक है और इसकी शान दूसरे ग्रहो से अधिक है कोई सूंदर है या नहीं  चेहरा केसा यह सब देखना हो तो कुंडली में शुक्र पे विचार किया जाता है इसकी सुंदरता के कारण जो हर चीज जो सुंदरता बढाती है ज्योतिष में शुक्र से सम्बंद है जेसे , पाउडर , लिपस्टिक , क्रीम आदि कोई भी बस्तु शुक्र की है बलबान शुक्र वाले दूसरे को अपनी और जल्दी आकर्शित कर लेते है यह स्त्री ग्रह है पुरुष की कुंडली में स्त्री सुख आदि का विचार शुक्र के बल के अनुसार करना चाहिए जिसका शुक्र बलबान हो सप्तम भाव भी बलबान हो तो उसको पूरा स्त्री सुख मिलता है और इसके विपरीत जब शुक्र बलहीन हो और ,7 भाव भी बलहीन हो तो स्त्री सुख नहीं मिलता विवाह आदि नहीं हो पाता , यह मनुष्य के वीर्य का कारक भी है उसकी शक्ति कितनी है वीर्य का कारक है तो संतान उत्पति की बात तो इसके साथ खुद ब् खुद जुड़ जाती है जिनका शुक्र बलहीन हो या सूर्य आदि जेसे पाप ग्रहो के साथ हो तो उसकी कमजोरि देते शारीर कमजोरी कोई गुप्त रोग आदि देते है यह जलीय ग्रह  इसका बलहीन होना कही ना कहि मोटापा आदि भी देता है आज हमसे ज्यादा सजावट , अपनी और आकर्शित करने वाली बस्तु या यह कह दे सुंदरता आदि की चीजे पश्चिम देशो में ज्यादा है स्त्री ग्रह तो , एक से अधिक  सम्बंद, अफेयर आदि यह चीजे भी पश्चिम देशो में ही ज्यादा है यह सब शुक्र के कारण ही है क्योंकि शुक्र पश्चिम दिशा का स्वामी है भोग बिलास का कारक तो शुक्र है और 12 भाव भी भोग बिलास का है वेसे तो हम 12 भाव को पृथ्जनातकम घर भी कहते है सूर्य , शनि , राहु की तरह यह भी पृथ्जनात्मक प्रभाव ही रखता है पर शुक्र देव 12 भाव में भोग बिलास आदि के सुख में वृद्धि ही करते है 12 भाव में शुक्र योग प्रद ही देखा गया है हमेसा हा यदि नीच का भी हो तो तब भी योग प्रद होता है 12 भाव में एक बलबान शुक्र का दोष यह भी है काम सुख कारक है यह बहुत से लोग होते है जिनको काम सुख या मतलब अपनी स्त्री के अलावा कुछ नहीं दीखता यह भी बलबान शुक्र का  दोष है 12 भाव में शुक्र 7 भाव में शुक्र और यदि 5 भाव से सम्बंद हो जाए तो फिर काम के आलावा कुछ और दीखता भी नहीं इसका कारण है यह 12 भाव भोग बिलास का 7 भाव भी भोग बिलास का और 5 भाव बुद्धि का तो जब 5 भाव के स्वामी से युति हो जायेगी शुक्र की तो काम सुख में रूचि हो और कुछ   नहीं देखेगा , शुक्र क्या है स्त्री ग्रह और किसी लड़की की कुंडली में जब शुक्र लग्न में आ जाए तो क्या होगा एक तो लग्न में होगा स्त्री ग्रह और दूसरा स्त्री की कुंडली तो निज त्वब का पूर्ण प्रतिनिधि त्वब करेगा शुक्र पर पड़ने वाले प्रभाव और लग्न में शुक्र स्त्री आदि को निर्णय सक्ति को प्रभावित करेगा , कहने की बात यह है सिर्फ साधारण से बात है जिनको बाहन आदि सुख भौतिक सुख सुविधा सब शुक्र की देंन है और भौतिक सुखो में कमी अल्पता आदि बलहीन शुक्र की प्रायः शुक्र बलबान बाले सुख सुविधा आदि भौतिक संसार की भोगते है और दूसरी और सिर्फ मेहनत ही करते कोई बड़ा लग्जरी सुख नहीं भोगते उनका शुक्र बलहीन होता है जेसे , इस गर्मी में खेतो में मेहनत करते किसी किसान को देख ले उनका शुक्र बलहीन ही है उपाय के ऊपर अगर बात करे शुक्र की तो गौ सेवा किसी गौ का दान करना माँ लक्ष्मी की पूजा स्त्री वर्ग की इज्जत करना आदि उपाय से हम शुक्र के अनिष्ट से बच सकते हैं।

 जय माता की

ग्रह चाल विशेष

राहु और उसके प्रभाव...

राहु का प्रभाव दैत्य के समान हैं। जन्म कुंडली में राहु का अत्यधिक बलवान होना नशे की और व्यक्ति

शुक्र- एक चमकता तारा...

 शुक्र मतलब सुंदरता सूंदर स्त्री ग्रह , सुख का कारक बड़े , बड़े  सुख का कारक है मतलब लग्जरी

जानिए हनुमान चालीसा का सम्पूर्ण अर्थ

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बुध की बात करें तो भावो के अनुसार बुध का फल भी जान लेते है कैसा होता है 

श्री हनुमत प्रकटोत्सव

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चन्द्रमा और हम

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