सोमवार को बिहार सरकार ने जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए। इसके साथ ही बिहार आजादी के बाद ये आंकड़े जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। रिपोर्ट अनुसार राज्य में पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 63 फीसदी है, जबकि अनारक्षित वर्ग कुल आबादी का 15.52 फीसदी है।
धर्म के आधार पर जनसंख्या
हिंदू- 81.99 बौद्ध-0.0851
मुस्लिम- 17.70 जैन- 0.0096
ईसाई- 0.057 सिख- 0.011
अन्य धर्म- 0.1274 कोई धर्म नहीं- 0.0016
रिपोर्ट के अनुसार दलित-मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है, आप को बताते चले कि बिहार राज्य के विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना के आंकड़े जारी किए। जाति आधारित गणना के 2022 के आंकड़ों की 1931 में हुई गणना से तुलना करें तो पिछड़ों के अलावा अति पिछड़ा, यादव, दलित एवं मुस्लिमों की आबादी में इजाफा हुआ है। वहीं, सवर्णों की आबादी में कमी आई है।
यादव सबसे ज्यादा
2011 की जनगणना की तुलना में 2.66 करोड़ की वृद्धि हुई। सर्वाधिक आबादी यादव (1.86 करोड़) की है। सबसे कम भास्कर जाति की आबादी सिर्फ 37 है।
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