चंदा मामा दूर के...ये कविता बहुत पुरानी हो चुकी है। अब नए सिरे से चांद पर लिखा जाने लगा है। चांद पर नई दुनिया बसाने की तरफ वैज्ञानिक बढ़ रहे हैं। हां, चांद पर जिंदगी जब होगी तब होगी, लेकिन लगता है कि वहां सबसे पहले मोबाइल नेटवर्क पहुंच जाएगा। इस ओर तेजी से काम हो रहा है। वोडाफोन इसकी तैयारियों में जुटा है। इसके लिए वो नोकिया और ऑडी की मदद ले रहा है।
एक साल में कर लो बात...
अगर सबकुछ ठीक रहा और काम तेजी से चला तो अगले साल तक चांद पर मोबाइल नेटवर्क मिलने लगेगा। जो भी चांद की सैर पर जाएगा उससे मोबाइल पर बात हो पाएगी। खबर अपने आप में बेहद रोमांचक है। वोडाफोन कंपनी नोकिया और ऑडी के साथ मिलकर इसके लिए काम कर रही है। वोडाफोन की तरफ से कहा गया है कि ये मिशन चांद पर नासा के अंतरिक्षयात्रियों द्वारा कदम रखने के 50 साल बाद हो रहा है। वोडाफोन ने इस मिशन के लिए नोकिया को अपना टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया है।
नोकिया तैयार करेगा स्पेस-ग्रेड नेटवर्क
बताया गया है कि ये मिशन साल 2019 में केप कनवेरल स्पेस एक्स फैलक्न 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन के लिए नोकिया स्पेस-ग्रेड नेटवर्क तैयार करेगा। चांद पर मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने के लिए तीनों कंपनियां बर्लिन की पीटीसाइंटिस्ट के साथ मिलकर काम कर रही हैं। बताया गया है कि चांद पर इसकी शुरुआत 4G नेटवर्क से होगी।
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