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दिल्ली- AAP सांसद संजय सिंह गिरफ्तार, ईडी का बड़ा एक्शन

दिल्ली की शराब नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा एक्शन लिया है. ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद संजय सिंह को अरेस्ट कर लिया है. ईडी ने शराब नीति घोटाले में बुधवार को AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर छापेमारी की थी. ED शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. ईडी ने पिछले दिनों इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें संजय सिंह का भी नाम है.

अधिकारियों ने बताया कि मामले के संबंध में कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर भी तलाशी ली गई. ईडी ने इस मामले में पहले ‘आप’ से राज्यसभा सदस्य सिंह (51) के स्टाफ सदस्यों और उनसे जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की थी. ईडी ने अपने आरोपपत्र में सिंह का नाम शामिल किया था. उसने कहा कि एक बिचौलिये दिनेश अरोड़ा ने बताया था कि उसकी मुलाकात सिंह से उसके रेस्तरां ‘अनप्लग्ड कोर्टयार्ड’ में एक पार्टी के दौरान हुई थी.

 

 

आरोपपत्र में कहा गया है कि 2020 में सिंह ने अरोड़ा से रेस्तरां मालिकों से दिल्ली विधानसभा चुनाव के वास्ते आम आदमी पार्टी के लिए निधि एकत्र करने के लिए कहने का अनुरोध किया था. दिनेश अरोड़ा ने बताया कि उसने पार्टी के लिए 82 लाख रुपये का चेक दिया था.

आरोपपत्र के अनुसार, दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि एक अन्य आरोपी अमित अरोड़ा अपनी शराब की दुकान ओखला से पीतमपुरा स्थानांतरित करने में मदद चाहता था. उसने दिनेश अरोड़ा के जरिये यह कराया, जिसने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस बारे में बताया और आबकारी विभाग ने मामले में मदद की.

आरोपपत्र में कहा गया है कि दिनेश अरोड़ा ने यह भी बताया कि उसने एक बार सिंह के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी और सिसोदिया से पांच-छह बार बात की थी. ‘आप’ नेता के आवास पर छापे पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी ने आरोप लगाया कि ईडी ने सिंह को इसलिए ‘निशाना’ बनाया, क्योंकि उन्होंने संसद में अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे उठाए थे.

ऐसे आरोप हैं कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए लाई गई आबकारी नीति ने गुटबंदी को बढ़ावा दिया और कुछ डीलर को फायदा पहुंचाया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. ‘आप’ ने इन आरोपों का खंडन किया है.

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से मामले की जांच कराने की सिफारिश करने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक मामला दर्ज किया था.

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