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देहरादून: बेसहारा बेघर जनों की उम्मीद,युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहा यह युवा, पढ़ें...

 देहरादून (राजीव लखेड़ा)।

 

स्वामी विवेकानंद युवाओं की दुनिया को बदलने की क्षमता में एक महान विश्वासी थे। उन्होंने भारतीय युवाओं से खुद को शिक्षित करने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि सेवा उनके जीवन का फोकस कैसे होना चाहिए। उन्होंने एक बार कहा था, "मानव जाति की सेवा करना एक सौभाग्य की बात है, क्योंकि यह ईश्वर की पूजा है। भगवान यहाँ है, इन सभी मानव आत्माओं में। वह मनुष्य की आत्मा है।"

 

स्वामी विवेकानंद की बातों को चरितार्थ करते हुए,युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनकर उभर रहे युवा छात्र सूरज चंद्र जो कि देवप्रयाग के मूल निवासी हैं और डीएवी कॉलेज देहरादून में एलएलबी द्वितीय वर्ष के छात्र हैं।

सूरज चंद्र विगत पिछले कुछ सालों से समाज के बेसहारा अनाथ लोगों के लिए एक उम्मीद बने हुए हैं। सूरज ने कोरोना महामारी 2020,2021 के दौरान भी सुरज_किचन नाम से खाद्य सामग्री, ड्राई राशन और खाना, जरूरत मंदो के घर तक पहुंचाया था। विगत चार सालों से वह बेसहारा लोगों की मदद करते हुए कंबल और खाने के पैकेट बांटते हैं।    

विगत वर्षों की भांति ही,देहरादून में अलग अलग भागों में,बढ़ती हुई ठंड के मद्देनजर,सूरज ने अपने एक साथी की मदद से देर रात्रि सड़क पर जीवन यापन कर रहे जरूरतमंद बेसहारा लोगों को कंबल और खाने के पैकेट बांटे।उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रिंस चौक, दून अस्पताल, आईएसबीटी के समीप आदि अन्य स्थलों पर देर रात्रि कई बार, जीवन के लिए संघर्ष कर रहे बेसहारा लोगों को मुश्किल ठंड में रात्रि काटते हुए देखा और उन्होंने संकल्प लिया कि इन लोगों की मदद को आगे आएंगे।

सूरज भविष्य में क्रिमिनल वकील बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं।

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